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Camel Ride in Lucknow ऊंट की सवारी एक अनोखा अनुभव
लखनऊ, अपनी शाही विरासत और सांस्कृतिक धरोहर के लिए मशहूर है। यहाँ का हर कोना इतिहास और कला से भरा है। ऊंट की सवारी इस नवाबी शहर की खूबसूरती को देखने का एक खास और यादगार तरीका है।
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Updated : December 27, 2024 18:12 IST
लखनऊ, अपनी शाही विरासत और सांस्कृतिक धरोहर के लिए मशहूर है। यहाँ का हर कोना इतिहास और कला से भरा है। ऊंट की सवारी इस नवाबी शहर की खूबसूरती को देखने का एक खास और यादगार तरीका है।
बड़ा इमामबाड़ा, अमीनाबाद मार्केट, लखनऊ चिड़ियाघर, और रूमी दरवाजा जैसी जगहों पर ऊंट सवारी का मजा लिया जा सकता है। ये जगहें न केवल ऐतिहासिक हैं, बल्कि ऊंट सवारी के लिए भी बहुत खास अनुभव देती हैं।
सवारी के लोकप्रिय रास्ते
बड़ा इमामबाड़ा से छोटा इमामबाड़ा तक
यह लगभग 2 किमी का रास्ता है, जो रूमी दरवाजा जैसे ऐतिहासिक स्थलों से गुजरता है।
अमीनाबाद से हजरतगंज तक
3 किमी लंबी इस सवारी में बाजार की हलचल, पुरानी गलियाँ और पारंपरिक दुकानें देखने को मिलती हैं।
लखनऊ चिड़ियाघर से स्टेट म्यूजियम तक
यह लगभग 4 किमी का सफर है, जहाँ हरियाली और सांस्कृतिक स्थलों का आनंद लिया जा सकता है।
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ऊंट सवारी के लिए टिप्स
- सवारी का समय सुबह या शाम का रखें, खासकर अक्टूबर से मार्च के बीच।
- आरामदायक कपड़े और जूते पहनें।
- पानी साथ रखें, खासकर गर्मियों में।
- सवारी के दौरान तस्वीरें लेना न भूलें।
- भीड़भाड़ के समय पहले से बुकिंग करें।
खर्च और किराया
- ऊंट सवारी का किराया: ₹200-₹500 (रास्ते और समय के अनुसार)।
- स्थानीय परिवहन का किराया: ₹50-₹150 (ऑटो-रिक्शा), ₹100-₹200 (टैक्सी)।
- प्रवेश शुल्क:
- बड़ा इमामबाड़ा: ₹50 (भारतीय), ₹200 (विदेशी)।
- छोटा इमामबाड़ा: ₹25 (भारतीय), ₹100 (विदेशी)।
- चिड़ियाघर: ₹20-₹40।
ऊंट सवारी लखनऊ को देखने का एक अनोखा और रोमांचक तरीका है। यह न केवल आपको शहर के ऐतिहासिक स्थलों से जोड़ता है, बल्कि लखनऊ की नवाबी संस्कृति को महसूस करने का भी मौका देता है। चाहे बड़ा इमामबाड़ा हो या हजरतगंज की गलियाँ, यह सवारी आपके सफर को यादगार बनाएगी।
तो अगली बार जब आप लखनऊ आएं, ऊंट सवारी का यह खास अनुभव ज़रूर लें।