Headline महाकुंभ स्नान मुहूर्त 2025 मौनी अमावस्या पर शाही स्नान के शुभ मुहूर्त और विधि
मौनी अमावस्या 2025 का महत्व इस साल खास रूप से बढ़ गया है, क्योंकि इस दिन महाकुंभ स्नान के लिए शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।... Read More
मौनी अमावस्या 2025 का महत्व इस साल खास रूप से बढ़ गया है, क्योंकि इस दिन महाकुंभ स्नान के लिए शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन राहु का दुष्प्रभाव कम होता है और साथ ही विशेष पूजा और स्नान से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कब और कैसे इस दिन शाही स्नान करें ताकि आप इस दिन का पूरा लाभ उठा सकें।
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- Updated : January 28, 2025 16:01 IST

मौनी अमावस्या 2025 का महत्व इस साल खास रूप से बढ़ गया है, क्योंकि इस दिन महाकुंभ स्नान के लिए शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन राहु का दुष्प्रभाव कम होता है और साथ ही विशेष पूजा और स्नान से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कब और कैसे इस दिन शाही स्नान करें ताकि आप इस दिन का पूरा लाभ उठा सकें।
मौनी अमावस्या 2025: शाही स्नान के शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या को शाही स्नान करने के लिए कई मुहूर्त तय किए गए हैं। इस दिन विशेष पूजा, स्नान और दान की महिमा है।
1. ब्रह्म मुहूर्त (शाही स्नान के लिए सर्वोत्तम समय)
समय: सुबह 5:25 बजे से 6:19 बजे तक
महत्व: इस समय में स्नान करना सबसे शुभ माना जाता है। इस समय का स्नान करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
2. शिव वास योग (शिव पूजा और स्नान के लिए)
समय: सुबह 5:25 बजे से शाम 6:05 बजे तक
महत्व: इस समय में शिव पूजा के साथ स्नान करने से विशेष लाभ होता है। शिव मंत्रों का जाप करते हुए स्नान करने से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
3. सिद्धि योग (सिद्धि प्राप्ति के लिए)
समय: सुबह 5:12 बजे से रात 9:22 बजे तक
महत्व: इस समय में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और साथ ही इष्ट देवता के मंत्रों का जाप करने से जीवन में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ स्नान और दान की विधि
मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में स्नान और दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन जो लोग सही समय पर स्नान करते हुए जल सूर्य को अर्पित करते हैं, उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। यह एक प्रकार का "स्नान दान" कहलाता है।
दान के मुहूर्त:
- पहला मुहूर्त: सुबह 7:20 बजे से 8:44 बजे तक
- दूसरा मुहूर्त: सुबह 8:44 बजे से 10:07 बजे तक
- तीसरा मुहूर्त: सुबह 11:30 बजे से 12:53 बजे तक
- चौथा मुहूर्त: शाम 5:02 बजे से 6:25 बजे तक
स्नान करते समय जल को हथेली में भरकर सूर्य को अर्पित करना चाहिए। यह "स्नान दान" कहलाता है।
मौनी अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें?
मौनी अमावस्या का दिन विशेष रूप से मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति का दिन होता है। इसलिए इस दिन कुछ महत्वपूर्ण कार्य करने चाहिए और कुछ गलतियों से बचना चाहिए।
क्या करें:
शिव पूजा करें:
इस दिन शिव वास योग का समय होता है। इस समय शिव की पूजा और मंत्र जाप करना बहुत लाभकारी होता है।
दान करें:
स्नान करते समय जल को सूर्य को अर्पित करें। इसके अलावा, फल और वस्त्रों का भी दान करना शुभ माना जाता है।
सुख-समृद्धि के लिए मंत्र जाप करें:
इस दिन अपने इष्ट देवता के मंत्रों का जाप करें ताकि जीवन में सुख और समृद्धि का वास हो।
क्या न करें:
गुस्सा न करें:
इस दिन मानसिक शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार के गुस्से से बचें।
नकारात्मक सोच से बचें:
इस दिन नकारात्मक सोच से बचें। सकारात्मक और शुभ विचारों से अपने मन को शुद्ध रखें।
भ्रांतियां न पालें:
इस दिन भ्रमित सोच से बचें और सही मार्ग पर चलने का प्रयास करें।
निष्कर्ष:
मौनी अमावस्या 2025 पर महाकुंभ स्नान का आयोजन आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार कर सकता है। इस दिन स्नान, पूजा और दान करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान की कृपा से समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शाही स्नान के शुभ मुहूर्तों को ध्यान में रखते हुए इस दिन का सही उपयोग करें और जीवन को पवित्र बनाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):
Q.1: मौनी अमावस्या 2025 कब है?
Ans: मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को है।
Q.2: महाकुंभ स्नान के लिए कौन से शुभ मुहूर्त हैं?
Ans: ब्रह्म मुहूर्त (5:25 AM से 6:19 AM), शिव वास योग (5:25 AM से 6:05 PM) और सिद्धि योग (5:12 AM से 9:22 PM) के शुभ मुहूर्त हैं।
Q.3: स्नान दान क्या है?
Ans: स्नान दान में पानी को हथेली में भरकर सूर्य को अर्पित करना होता है। यह पुण्य का काम माना जाता है।
Q.4: मौनी अमावस्या पर शिव पूजा कैसे करें?
Ans: इस दिन शिव वास योग में शिव पूजा और शिव मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ होता है।
Q.5: इस दिन गुस्सा क्यों नहीं करना चाहिए?
Ans: मौनी अमावस्या पर मानसिक शांति बनाए रखना बहुत जरूरी है। गुस्सा न करने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है।