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Bhai Dooj भाई दूज 2024 भाई-बहन के अटूट प्रेम का उत्सव
भाई दूज, जिसे 'भाई फोंटा', 'भाई टीका', 'भाऊ बीज' और 'यमद्वितीया' के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते की गरिमा को दर्शाता है। इसे विशेष रूप से दिवाली के बाद मनाने की परंपरा है, जब बहनें अपने भाइयों को आमंत्रित करती हैं और उनकी भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं।
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Updated : October 23, 2024 14:10 IST
भाई दूज, जिसे भाई फोंटा, भाई टीका, भाऊ बीज और यमद्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते की गरिमा को दर्शाता है। इसे विशेष रूप से दिवाली के बाद मनाने की परंपरा है, जब बहनें अपने भाइयों को आमंत्रित करती हैं और उनकी भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं।
भाई दूज की तिथि और दिन
तारीख: 3 नवंबर 2024
दिन: रविवार
भाई दूज की परंपराएँ और रस्में
भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों के लिए खास तैयारी करती हैं। यह त्योहार विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।
1. बहन की तैयारी
इस दिन, बहनें चावल के आटे से एक आसन बनाती हैं, जहाँ भाई बैठता है। उसके माथे पर सिंदूर, दही और चावल का लेप लगाया जाता है। इसके बाद, बहनें भाई की हथेली में कद्दू का फूल, पान, सुपारी और सिक्के रखकर जल डालती हैं।
2. कलावा और आरती
भाई की कलाई पर कलावा बांधकर आरती उतारी जाती है। यह एक महत्वपूर्ण रस्म है जो भाई के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती है।
3. उपहारों का आदान-प्रदान
रस्मों के अंत में, भाई-बहन एक-दूसरे को उपहार देते हैं और बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं। यह रिश्ते में मिठास और गहराई लाता है।
विभिन्न राज्यों में भाई दूज का उत्सव
भाई दूज का उत्सव पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन हर राज्य में इसे मनाने का अपना विशेष तरीका है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में इसे भाव बिज के नाम से जाना जाता है। यहाँ, बहनें अपने भाइयों को बैठाकर एक चौक बनाती हैं और कड़वे फल का सेवन करती हैं। इसके बाद, वे तिलक करके आरती उतारती हैं।
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में इसे भाई फोंटा कहा जाता है। इस दिन बहनें व्रत रखती हैं और भाइयों के माथे पर चंदन, काजल और घी का तिलक करती हैं। यह उत्सव भव्य भोज के साथ संपन्न होता है।
बिहार
बिहार में भाई दूज का जश्न अनोखा है। यहाँ बहनें भाइयों को गालियाँ देती हैं और फिर माफी मांगती हैं। इस परंपरा के तहत भाई उपहार देकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं।
भाई दूज का सांस्कृतिक महत्व
भाई दूज न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि यह परिवारों में एकता और प्रेम को भी बढ़ावा देता है। इस दिन, लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर समय बिताते हैं और अपने रिश्तों को और भी गहरा बनाते हैं।
समाज में भाई दूज का प्रभाव
भाई दूज का त्योहार समाज में भाई-बहन के रिश्ते को न केवल एक विशेष अवसर पर मनाने का माध्यम है, बल्कि यह सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करता है। यह एक ऐसा अवसर है जब परिवार एकत्र होते हैं और आपसी संबंधों को पुनः सुदृढ़ करते हैं।
निष्कर्ष
भाई दूज एक ऐसा त्योहार है जो प्रेम, समर्पण और स्नेह का प्रतीक है। यह न केवल भाई-बहन के रिश्ते को प्रदर्शित करता है, बल्कि हमारे समाज में पारिवारिक बंधनों को भी मजबूत बनाता है। इस भाई दूज पर, हम सभी अपने भाइयों और बहनों के प्रति अपने प्यार को और भी प्रगाढ़ करें।