Tradition of Dhanteras धनतेरस पर बर्तन खरीदना क्यों है जरूरी? जानें पूरी कहानी!
धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो स्वास्थ्य और समृद्धि के देवता माने जाते हैं। इस दिन लोग सोने, चांदी और विशेष बर्तनों की खरीदारी करते हैं, जो एक पुरानी परंपरा का हिस्सा है।
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- Updated : October 25, 2024 14:10 IST
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भगवान धन्वंतरि की कथा
किंवदंती के अनुसार, भगवान धन्वंतरि का जन्म सागर मंथन के दौरान हुआ था, जब वे अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इस अवसर पर उन्होंने सभी को स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद दिया। इसीलिए धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा है, जो हमें उनकी कृपा की याद दिलाती है।
धनतेरस पर बर्तन खरीदने के फायदे
1. समृद्धि का प्रतीक
बर्तन खरीदना धनतेरस पर एक शुभ कार्य माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदे गए बर्तनों में 13 गुना वृद्धि होती है। बर्तनों की खरीदारी से घर में लक्ष्मी का वास होता है, जिससे समृद्धि और धन की बरसात होती है।
2. स्वास्थ्य और कल्याण
धनतेरस पर बर्तन खरीदने का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह स्वास्थ्य का प्रतीक है। नए बर्तनों के माध्यम से हम अपने जीवन में सकारात्मकता और स्वास्थ्य का स्वागत करते हैं। बर्तन खरीदने से हमें यह एहसास होता है कि हम अपने और अपने परिवार के लिए अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं।
3. पारिवारिक एकता
धनतेरस पर बर्तन खरीदने का एक और लाभ यह है कि यह परिवार के सदस्यों को एक साथ लाता है। परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर बर्तनों की खरीदारी करते हैं, जिससे आपसी प्रेम और एकता बढ़ती है।
किस प्रकार के बर्तन खरीदें?
धनतेरस पर बर्तन खरीदने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. धातु का चुनाव
धनतेरस पर धातु खरीदना शुभ माना जाता है। चांदी सबसे उत्तम मानी जाती है, लेकिन यदि आप चांदी नहीं खरीद सकते तो पीतल, कांसा या सोना भी खरीद सकते हैं। स्टील या लोहे के बर्तनों की खरीदारी से बचना चाहिए, क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता।
2. नए बर्तन
हमेशा नए बर्तनों की खरीदारी करें। पुराने बर्तनों का उपयोग शुभ नहीं माना जाता। नए बर्तनों का स्वागत करने से घर में समृद्धि का आगमन होता है।
3. आकार और प्रकार
बर्तनों का आकार और प्रकार भी महत्वपूर्ण होता है। विभिन्न प्रकार के बर्तनों जैसे कढ़ाई, थाली, कटोरे आदि की खरीदारी करें। यह न केवल आपके किचन को सजाएगा बल्कि आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा।
धनतेरस पर पूजा की विधि
धनतेरस के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन मुख्य द्वार पर चार बातियों का दीप जलाने की परंपरा है, जिसे यमदीप कहते हैं। यह अकाल मृत्यु से बचाने के लिए किया जाता है।
1. पूजा सामग्री
पूजा में निम्नलिखित सामग्री का प्रयोग करें:
- भगवान धन्वंतरि की तस्वीर या मूर्ति
- देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां
- भोजन का भोग (नैवेद्य): पूजा में भगवान को चढ़ाने के लिए गुड़, धनिया और चावल का भोग अर्पित करें।
2. पूजा विधि
- सबसे पहले, घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाएं।
- भगवान धन्वंतरि की पूजा करें और उन्हें भोग अर्पित करें।
- देवी लक्ष्मी के चरणों का स्वागत करें और उन्हें नए बर्तन अर्पित करें।
निष्कर्ष
धनतेरस पर बर्तन खरीदना एक पुरानी परंपरा है जो समृद्धि, स्वास्थ्य और पारिवारिक एकता का प्रतीक है। इस दिन की गई खरीदारी से न केवल आर्थिक लाभ होता है, बल्कि यह आपके जीवन में सकारात्मकता का संचार भी करती है। इस धनतेरस पर बर्तन खरीदकर आप अपने और अपने परिवार के लिए एक सुखद भविष्य का स्वागत कर सकते हैं।