Alpha Trends / Entertainment जोश भरपूर / Joker 2 Hindi Movies ऑस्कर जीतने से जीरो हाइप तक, आखिर क्यों हो रही है फिल्म को बैन करने की बात

Joker 2 Hindi Movies ऑस्कर जीतने से जीरो हाइप तक, आखिर क्यों हो रही है फिल्म को बैन करने की बात

"जोकर 2" को बहुत उत्साह के साथ लॉन्च किया गया था, लेकिन इसके रिलीज के बाद इसका हाइप उतना नहीं दिखा, जितनी उम्मीद की जा रही थी। 2019 में आई पहली फिल्म ने ऑस्कर तक जीता था और लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी थी। लेकिन इसके दूसरे पार्ट को देखकर फैंस में वैसी दीवानगी नहीं दिखी।

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surya maurya written by :   Surya Maurya

 

कोर्टरूम ड्रामा: जोकर की लाइफ में नया मोड़

पहली फिल्म में जोकर की जर्नी को विस्तार से दिखाया गया था कि वह कैसे समाज की बेरुखी से टूटकर जोकर बना। इस बार कहानी का सेटअप पूरी तरह बदल चुका है। "जोकर 2" एक कोर्टरूम ड्रामा है, जहां जोकर खुद कटघरे में खड़ा है। जज साहब के सामने सवाल यही है कि जोकर वाकई अपराधी है या सिर्फ एक दिमागी बीमारी का शिकार?

हार्ले क्विन की एंट्री: लेकिन धमाका क्यों नहीं हुआ?

इस बार जोकर के साथ हार्ले क्विन की एंट्री भी हुई है, जिसका नाम सुनते ही फैंस उत्साहित हो जाते हैं। मगर अफसोस की बात है कि हार्ले और जोकर की जोड़ी ने इस बार वो जादू नहीं बिखेरा। कहानी कई जगहों पर बोरिंग और कन्फ्यूजिंग लगती है। फैंस ने इस जोड़ी से जो उम्मीदें लगाईं थीं, वो पूरी होती नजर नहीं आईं।

 


 

क्या सिर्फ म्यूजिकल होना काफी था?

फिल्म को म्यूजिकल अंदाज में पेश किया गया है, लेकिन इस प्रयोग को भी दर्शकों का उतना प्यार नहीं मिला। गाने और नाच के तड़के में असली कहानी कहीं खो सी गई। पहली फिल्म में जो पागलपन और उन्माद था, वह यहां गायब दिखाई दिया। फैंस को उम्मीद थी कि जोकर का ये पार्ट पहले जितना ही गहरा और प्रभावशाली होगा, लेकिन म्यूजिकल फॉर्मेट ने उन उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

क्यों फैंस खुद कर रहे हैं बैन की मांग?

पहली फिल्म के समय, उसकी हिंसा और गंभीर मुद्दों की वजह से उसे बैन करने की मांग हुई थी। लेकिन अब "जोकर 2" के रिलीज होने पर फैंस खुद इसे बैन करने की बात कर रहे हैं, और इस बार इसका कारण फिल्म की कमजोर क्वालिटी है। दर्शकों को लग रहा है कि इस सीक्वल में पहले पार्ट जैसी गहराई और संदेश नहीं है।

 


 

पार्ट वन क्यों बेहतर था?

"जोकर" की पहली फिल्म में भावनाएं और हिंसा का संतुलन बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिखाया गया था। जोकर की दर्दभरी जिंदगी की कहानी ने दर्शकों के दिलों को छू लिया था। लेकिन "जोकर 2" में न तो वैसा इमोशनल कनेक्शन है और न ही मजबूत कहानी। इस वजह से यह फिल्म अपने पूर्ववर्ती पार्ट जितना प्रभावशाली नहीं हो पाई।

क्या "जोकर 2" देखने लायक है?

यदि आपने पहली फिल्म देखी है, तो ही "जोकर 2" को समझने में आसानी होगी। लेकिन इस सीक्वल की कमजोर कहानी और अधूरी प्रस्तुति इसे एक बोरिंग अनुभव बना सकती है। जहां पहली फिल्म ने गहरी छाप छोड़ी थी, वहीं इसका दूसरा पार्ट उस स्तर तक नहीं पहुंच पाया है। यदि आप जोकर के पहले पार्ट के फैन हैं, तो इसे एक बार देख सकते हैं, लेकिन ज्यादा उम्मीदें लगाना गलत साबित हो सकता है।

निष्कर्ष:

"जोकर 2" में एक दिलचस्प कोर्टरूम सेटअप और हार्ले क्विन जैसी आइकॉनिक कैरेक्टर की एंट्री थी, लेकिन कहानी की कमजोर बुनियाद और गानों के ओवरडोज ने फिल्म का असर फीका कर दिया। पहले पार्ट का इमोशनल कनेक्शन और उसके डार्क मूड की वजह से दर्शकों ने उससे जो उम्मीदें लगाईं थीं, वह इस बार पूरी नहीं हुईं।