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केरल के दिल में बसा कोच्चि फोकलोर म्यूज़ियम सिर्फ कलाकृतियों का भंडार नहीं, बल्कि बीते युगों की आवाज़ों को संजोने वाली एक अनूठी जगह है।... Read More

केरल के दिल में बसा कोच्चि फोकलोर म्यूज़ियम सिर्फ कलाकृतियों का भंडार नहीं, बल्कि बीते युगों की आवाज़ों को संजोने वाली एक अनूठी जगह है। यहाँ आते ही ऐसा लगता है जैसे समय के पहिये उलटे घूम गए हों और आप अतीत की गलियों में टहल रहे हों।

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s b maurya Author :   S B Maurya

केरल के दिल में बसा कोच्चि फोकलोर म्यूज़ियम सिर्फ कलाकृतियों का भंडार नहीं, बल्कि बीते युगों की आवाज़ों को संजोने वाली एक अनूठी जगह है। यहाँ आते ही ऐसा लगता है जैसे समय के पहिये उलटे घूम गए हों और आप अतीत की गलियों में टहल रहे हों।

 

कैसे हुआ इस संग्रहालय का जन्म

इस संग्रहालय की स्थापना 2009 में हुई थी, और इसका मकसद दक्षिण भारतीय संस्कृति की विरासत को सहेजना था। यह जगह भारत की विभिन्न लोककलाओं, परंपराओं और रीति-रिवाजों को करीब से देखने और समझने का सुनहरा अवसर देती है।

 

संग्रहालय की विशेषताएँ यहाँ क्या मिलेगा अनोखा

 वास्तुकला जो मंत्रमुग्ध कर दे

संग्रहालय की इमारत खुद एक कलाकृति है! इसमें केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक की पारंपरिक वास्तुकला का अद्भुत समावेश दिखता है। लकड़ी की जटिल नक्काशी, पारंपरिक द्वार, और छतों की सजावट इसे ऐतिहासिक महत्त्व देती हैं।

 

दुर्लभ मूर्तियाँ और प्राचीन धरोहर

यहाँ 5000 से अधिक दुर्लभ कलाकृतियाँ हैं, जिनमें लकड़ी की नक्काशीदार मूर्तियाँ, तांबे और कांसे की धातु से बनी मूर्तियाँ, और पारंपरिक मुखौटे शामिल हैं। ये सभी प्राचीन संस्कृति की झलक दिखाते हैं।

 

 पारंपरिक वस्त्र और आभूषण

केरल के विशिष्ट परिधानों जैसे कसावु साड़ी, काथकली वेशभूषा, और प्राचीन आभूषणों का दुर्लभ संग्रह यहाँ देखने को मिलता है। हर वस्त्र और आभूषण किसी न किसी लोकगाथा से जुड़ा हुआ है।

 

संगीत और नृत्य का संगम

संग्रहालय में एक विशेष मंच भी है जहाँ काथकली, मोहिनीअट्टम और थेय्यम जैसे पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं। यहाँ आकर संगीत और नृत्य के जादू का अनुभव करना किसी स्वप्न से कम नहीं।

 

 प्राचीन हथियार और युद्धकला

यहाँ आपको तलवारें, भाले, धनुष-बाण और युद्ध के दौरान इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक हथियारों का अनूठा संकलन मिलेगा। ये हथियार न सिर्फ सैन्य परंपराओं को दर्शाते हैं, बल्कि तत्कालीन योद्धाओं की जीवनशैली का भी परिचय देते हैं।

 

 साहित्य और हस्तलिखित पांडुलिपियाँ

अगर आप पुराने ग्रंथों और शास्त्रों में रुचि रखते हैं, तो यहाँ प्राचीन हस्तलिखित पांडुलिपियों का संग्रह भी देखने लायक है। संस्कृत, तमिल और मलयालम भाषा में लिखे ये ग्रंथ केरल के साहित्यिक इतिहास की झलक देते हैं।

 

संग्रहालय की यात्रा कैसे करें

स्थान

यह संग्रहालय केरल के कोच्चि में स्थित है और पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है

 

खुलने का समय

  • सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक
  • सप्ताह के सभी दिन खुला रहता है

 

प्रवेश शुल्क

  • भारतीय नागरिकों के लिए: ₹100 - ₹200
  • विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹300 - ₹500

 

क्या यह संग्रहालय आपके लिए खास है

 

अगर आप इतिहास प्रेमी हैं 

  • तो यह जगह आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं।

अगर आप कला प्रेमी हैं 

  • तो यहाँ की पेंटिंग्स, मूर्तियाँ और हस्तशिल्प आपका मन मोह लेंगी।

अगर आप संस्कृति के दीवाने हैं 

  • तो यह संग्रहालय आपके लिए एक संपूर्ण अनुभव है।

 

कोच्चि फोकलोर म्यूज़ियम घूमने का सबसे अच्छा समय

कोच्चि घूमने का सबसे बेहतरीन समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और आप आराम से संग्रहालय का आनंद ले सकते हैं।

 

नजदीकी आकर्षण स्थल

अगर आप कोच्चि फोकलोर म्यूज़ियम देखने जा रहे हैं, तो आसपास के ये स्थान भी देख सकते हैं:

मट्टनचेरी पैलेस 

  1. इतिहास की अनोखी कहानियाँ समेटे एक भव्य महल।

चेराई बीच 

  1.  सूर्योदय और सूर्यास्त का जादुई नज़ारा।

सेंट फ्रांसिस चर्च 

  1.  भारत का सबसे पुराना यूरोपीय चर्च।

फोर्ट कोच्चि 

  1.  ऐतिहासिक गलियों और यूरोपीय वास्तुकला का संगम।

 

FAQ:

 

Q1. Kochi Folklore Museum me kya dekhne ko milta hai?
A1. Yahan prachin kala-kritiyan, lokgeet, nritya, hathkala aur paramparik poshak ka anokha sangrah hai.

 

Q2. Kya Kochi Folklore Museum photography allow karta hai?
A2. Haan, lekin kuch sections me photography restricted ho sakti hai, aur professional photography ke liye extra charge ho sakta hai.

 

Q3. Kochi Folklore Museum kitne baje khulta aur band hota hai?
A3. Ye subah 9:30 baje se shaam 6:00 baje tak khula rehta hai, aur har din yahan aane ka mauka milta hai.

 

Q4. Yahan ka entry fee kitna hai?
A4. Indian tourists ke liye ₹100-₹200 aur foreign tourists ke liye ₹300-₹500 ka entry charge hota hai.

 

Q5. Kochi Folklore Museum ke aas paas aur kya dekh sakte hain?
A5. Aap Mattancherry Palace, Fort Kochi, Cherai Beach aur St. Francis Church ja sakte hain.

 

Q6. Yahan par dance performances hoti hain kya?
A6. Haan, yahan Kathakali, Mohiniyattam aur Theyyam jaise classical dance performances bhi hoti hain.

 

निष्कर्ष

कोच्चि फोकलोर म्यूज़ियम सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और इतिहास का एक ऐसा आईना है, जिसमें झांककर आप बीते युगों की झलक पा सकते हैं। अगर आप कला, संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर में रुचि रखते हैं, तो यह संग्रहालय आपके लिए स्वर्ग के समान है!

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