Headline Dwarka The Amazing World Of The Holy City Of Shri Krishna
द्वारिका का उल्लेख महाभारत और पुराणों में मिलता है। यह वही स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद अपना राज्य स्थापित किया... Read More
द्वारिका का उल्लेख महाभारत और पुराणों में मिलता है। यह वही स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद अपना राज्य स्थापित किया था। माना जाता है कि द्वारिका नगरी समुद्र में डूब गई थी, लेकिन इसका अस्तित्व आज भी जीवित है।
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- Updated : February 03, 2025 22:02 IST

द्वारिका का उल्लेख महाभारत और पुराणों में मिलता है। यह वही स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद अपना राज्य स्थापित किया था। माना जाता है कि द्वारिका नगरी समुद्र में डूब गई थी, लेकिन इसका अस्तित्व आज भी जीवित है।
कैसे पहुँचे द्वारिका
हवाई मार्ग
- निकटतम हवाई अड्डा जामनगर है, जो लगभग 130 किमी दूर है।
रेल मार्ग
- द्वारिका रेलवे स्टेशन भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग
- गुजरात के सभी बड़े शहरों से द्वारिका के लिए बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
द्वारिका में घूमने योग्य प्रमुख स्थान
द्वारकाधीश मंदिर
भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित यह मंदिर 2500 साल पुराना माना जाता है। इसकी भव्यता और शिल्पकला अद्भुत है।
गोमती घाट
यहाँ गोमती नदी का संगम समुद्र से होता है। श्रद्धालु इस स्थान पर स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।
बेते द्वारका
माना जाता है कि यही वह स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्र सुदामा से मिले थे। यह द्वारिका से 30 किमी दूर है।
रुक्मिणी देवी मंदिर
यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी को समर्पित है और इसकी दीवारों पर अद्भुत कलाकृतियाँ उकेरी गई हैं।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जहां भक्त शिव आराधना के लिए आते हैं।
गीता मंदिर
इस मंदिर में श्रीमद्भगवद गीता के श्लोक लिखे गए हैं, जो आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं।
द्वारिका यात्रा का सर्वोत्तम समय
अक्टूबर से मार्च के बीच का समय द्वारिका घूमने के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है, जिससे तीर्थयात्रा और पर्यटन का अनुभव और भी अच्छा हो जाता है।
विशेष पर्व और उत्सव
जन्माष्टमी
- यहाँ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
शिवरात्रि
- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग में इस दिन विशेष पूजा का आयोजन होता है।
दीपावली
- इस दिन द्वारकाधीश मंदिर को दीयों से सजाया जाता है, जो देखने में अद्भुत लगता है।
द्वारिका में ठहरने की सुविधा
द्वारिका में लक्जरी होटल से लेकर धर्मशालाओं तक हर तरह की ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध है। कुछ प्रमुख होटल और धर्मशालाएँ हैं
- द्वारिका हेरिटेज होटल
- इस्कॉन गेस्ट हाउस
- श्री द्वारकाधीश धर्मशाला
द्वारिका के रहस्य और मान्यताएँ
- ऐसा माना जाता है कि प्राचीन द्वारिका सात बार समुद्र में डूबी और हर बार फिर से बनाई गई।
- वैज्ञानिकों को समुद्र में द्वारिका के अवशेष मिले हैं, जो इस शहर की ऐतिहासिकता को प्रमाणित करते हैं।
- श्रीकृष्ण के बाद द्वारिका नगरी के खंडहर समुद्र में समा गए थे, लेकिन आज भी इसकी पवित्रता और आस्था बरकरार है।
FAQ :
Q.1. Dwarika kaha hai aur yaha kaise pahuche?
Ans: Dwarika Gujarat me sthit hai. Yaha pahunchne ke liye najdeeki airport Jamnagar hai, railway station bhi uplabdh hai aur road se bhi asani se jaya ja sakta hai.
Q.2. Dwarikadhish mandir ka darshan ka best time kya hai?
Ans: October se March tak ka samay yaha ghoomne ke liye best hota hai. Janmashtami aur Diwali par yaha alag hi utsav ka mahaul hota hai.
Q.3. Bet Dwarika kyu famous hai?
Ans: Bet Dwarika wo jagah hai jaha Bhagwan Krishna ne apne mitra Sudama se milne ka sukh paya tha. Yeh ek pavitra sthaan hai.
Q.4. Nageshwar Jyotirling ka kya importance hai?
Ans: Nageshwar ek jyotirling hai jo Bhagwan Shiv ko samarpit hai. Yaha Shiv Bhakton ka bhari bheed rehta hai.
Q.5. Dwarika me rukhne ke liye best hotel aur dharamshala kaun si hai?
Ans: Yaha luxury hotels se lekar budget-friendly dharamshala tak sab available hai jaise Iskcon Guest House aur Shri Dwarikadhish Dharamshala.
Q.6. Dwarika ke samundar me jo prachin nagri mili thi, uska kya mahatva hai?
Ans: Dwarika ka samundar me duba hua sheher is baat ka praman hai ki yeh nagri waastavik thi aur iska zikr Mahabharat me bhi milta hai.
निष्कर्ष
द्वारिका सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम है। यहाँ का हर मंदिर, हर घाट और हर गली श्रीकृष्ण की मौजूदगी का अहसास कराती है। अगर आप आध्यात्मिकता, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य को एक साथ महसूस करना चाहते हैं, तो एक बार द्वारिका की यात्रा जरूर करें!