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पालक्काड किला, जिसे टीपू सुल्तान किला भी कहा जाता है, केरल के पालक्काड जिले में स्थित है। यह किला 18वीं शताब्दी में बना था और... Read More

पालक्काड किला, जिसे टीपू सुल्तान किला भी कहा जाता है, केरल के पालक्काड जिले में स्थित है। यह किला 18वीं शताब्दी में बना था और आज भी इसका गौरवशाली इतिहास लोगों को आकर्षित करता है।

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s b maurya Author :   S B Maurya

पालक्काड किला, जिसे टीपू सुल्तान किला भी कहा जाता है, केरल के पालक्काड जिले में स्थित है। यह किला 18वीं शताब्दी में बना था और आज भी इसका गौरवशाली इतिहास लोगों को आकर्षित करता है।

 

किले का निर्माण और इतिहास

  • यह किला 1766 में मैसूर के शासक हैदर अली द्वारा बनवाया गया था।
  • बाद में यह टीपू सुल्तान के नियंत्रण में आ गया और ब्रिटिश सेना से कई लड़ाइयाँ लड़ी गईं।
  • 1790 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपने अधिकार में ले लिया और तब से यह ब्रिटिश शासन के अधीन रहा।

 

वास्तुकला और संरचना

  • किले का डिज़ाइन पारंपरिक दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली से प्रेरित है।
  • यह चारों ओर से एक विशाल खाई (moat) से घिरा हुआ है, जो इसकी सुरक्षा को और मजबूत बनाती है।
  • अंदर एक विशाल आंगन, मंदिर, और प्रशासनिक भवन भी स्थित हैं।
  • दीवारें बेहद मजबूत और ऊँची हैं, जो इसके सैन्य महत्व को दर्शाती हैं।

 

 किले में देखने लायक जगहें

हनुमान मंदिर

किले के भीतर स्थित हनुमान मंदिर धार्मिक आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है। यह मंदिर कई श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

 

खाई और सुरक्षा दीवारें

यह किला चारों ओर से पानी से भरी खाई से घिरा हुआ है, जो इसकी सुरक्षा के लिए बनाई गई थी।

 

 ब्रिटिश प्रशासनिक इमारतें

ब्रिटिश काल में इस किले का उपयोग प्रशासनिक कार्यालय के रूप में किया गया था, जिसकी झलक आज भी देखी जा सकती है।

 

पालक्काड किले की यात्रा का सही समय

  • अक्टूबर से मार्च का समय इस किले की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
  • बारिश के मौसम में यह क्षेत्र हरियाली से भर जाता है, जिससे इसका सौंदर्य और बढ़ जाता है।

 

 कैसे पहुँचे पालक्काड किला

हवाई मार्ग

  • नज़दीकी हवाई अड्डा कोयंबटूर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Coimbatore International Airport) है, जो लगभग 52 किमी दूर है।

रेल मार्ग

  • पालक्काड जंक्शन रेलवे स्टेशन से किला केवल 4 किमी दूर है।

सड़क मार्ग

  •  यह किला केरल और तमिलनाडु की सीमाओं के पास स्थित है, जिससे यह सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।

 

यात्रा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

✔️ आरामदायक जूते पहनें क्योंकि किले में काफी घूमना पड़ता है।
✔️ स्थानीय गाइड से किले का पूरा इतिहास समझने की कोशिश करें।
✔️ कैमरा ले जाना न भूलें क्योंकि यहाँ की हरियाली और स्थापत्य कला मनमोहक है।

 

पालक्काड किले से जुड़े रोचक तथ्य

✅ इसे टीपू सुल्तान किला भी कहा जाता है।
✅ यह किला केरल के सबसे संरक्षित किलों में से एक है।
✅ यहाँ ब्रिटिश काल के दौरान प्रशासनिक कार्यालय थे।
✅ इस किले के चारों ओर स्थित खाई इसे बेहद आकर्षक बनाती है।
✅ यह जगह इतिहास प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग है।

 

❓ FAQ

Q.1: Palakkad Fort kisne banaya tha?
Ans: Is kile ka nirman 1766 me Haider Ali ne karwaya tha.

 

Q.2: Palakkad Kila kis shehar me hai?
Ans: Ye Kerala ke Palakkad district me sthit hai.

 

Q.3: Palakkad Fort ka sabse accha samay kab hai?
Ans: October se March tak ka samay sabse accha hota hai.

 

Q.4: Kya Palakkad Fort me entry fees lagti hai?
Ans: Nahi, yahan entry bilkul free hai.

 

Q.5: Palakkad Fort me kya dekhne layak hai?
Ans: Yahan Hanuman Mandir, British administrative buildings aur khayi dekhne layak hain.

 

Q.6: Palakkad Fort kahan par hai aur kaise pahunche?
Ans: Ye Palakkad city, Kerala me hai aur yahan rail, road aur air se asani se pahunch sakte hain.

 

निष्कर्ष

पालक्काड किला सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि दक्षिण भारत की समृद्ध संस्कृति और स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। अगर आप इतिहास प्रेमी हैं या कुछ नया देखने के शौकीन हैं, तो यह किला आपकी यात्रा सूची में ज़रूर होना चाहिए!

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